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Friday, 24 May 2013

कैंडिल मार्च क्यों ???

कैंडिल मार्च क्यों ???
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भाइयों एवं बहनों,
देश में जनसंख्या विष्फोटक स्थिति पर पहुँच चुकी है जो आज देश की सारी प्रगति को दीमक की तरह चाट रही है ।इसी बढ़ती जनसंख्या के कारण आज शहरों में चलना दूर है , चारों ओर जाम ही जाम । अगर हम अभी नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब सारे शहर केवल भीड़भाड़ वाले मेलों में तब्दील हो जायेंगे और हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक मेलों की भाँति केवल पैदल ही पहुँच पायेंगे ।
जनसंख्या नियंत्रण के लिये जागरूकता कार्यक्रम सरकारों द्वारा चलाये जाते रहे लेकिन आंकडे़ सामने हैं । कभी गंभीरता से चिन्तन करिये तो राष्ट्र के भविष्य के लिये यक्ष प्रश्न खड़ी करती है जनसंख्या । जिस देश की अधिसंख्य आबादी कुपोषण से ग्रस्त, अशिक्षित , बेरोजगार ,ग़रीब हो उस देश से आशा भी क्या की जा सकती है ?
हमारी जनसंख्या का घनत्व ग़रीबी के मध्य सर्वाधिक है । ग़रीबी और आबादी एक दूसरे के पूरक हैं , अन्योन्याश्रित हैं । देश की युवा फौज का 80% अंश ग़रीब परिवारों से है जो स्वयं साधन हीन है ,वे देश के विकास में कितनी भागीदारी निभायेंगे ? जनसंख्यावृद्धि धर्म , सम्प्रदाय , जाति से जोड़ कर देखना एक गंभीर भूल है , समस्या से मुँह मोड़ना है । ग़रीबों की स्थितियां ही ऐसी होती हैं कि उन्हीं के बीच जनसंख्या तेज़ी से फलती फूलती है ।
एक बात यहाँ गंभीरता से समझनी होगी ----- नेताओं, राजनीतिक दलों और धनाड्यों को जनसंख्या बढ़ने से लाभ है -----एक को भारी संख्या में मतदाता मिलते हैं तो दूसरे को मिलते हैं उपभोक्ता और सस्ते श्रमिक । इसलिये राष्ट्र को अपूरणीय क्षति पहुँचाने वाली इस समस्या से हमें ही जूझना होगा । जागरूकता पैदा करने के साथ साथ हमें आन्दोलन चलाने होंगे ---- एक सक्षम क़ानून के लिये । हिन्दू , मुस्लिम , सिख ,ईसाई आदि सभी को कंधे से कंधा मिला कर । चीन का उदाहरण हमारे सामने है । ग़रीब के हित में और राष्ट्र के हित में इस देश को एक न एक दिन "जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम "बनाना होगा और देश को अपूरणीय क्षति से बचाना होगा ।
हम कैंडिल मार्च से देश का ध्यान खींचना चाहते हैं और देश की संसद से माँग करते हैं कि शीघ्र ही इस आशय का बिल संसद में लाये और समुचित प्रावधानों के साथ उसे शीघ्र पारित करे ।आइये ,भारत बदलना चाहता है -- समय की माँग है -- बस हम खुले मन से साथ दें ।
बदलता भारत( INDIA CHANGES ) की अनेक माँगे हैं जिनके लिये हम संघर्षरत हैं और उनमें से एक है ---- जनसंख्या नियंत्रण के लिये सक्षम क़ानून की माँग । क़ानून जो सबके लिये समान हो ,कोई दबाव नहीं , जोरजबरदस्ती नहीं --बस एक क़ानून हम सबके लिये ।
आइये जनसंख्या नियंत्रण क़ानून बनवाने के लिये 8 जून 2013 को हम मिल कर कैंडिल मार्च निकाल कर जन जागृति पैदा करे़ और संसद तक अपनी बात पहुंचायें ।
''जनसंख्या के सैलाब में बह न जायें हम कहीं ,
क़ानून की पतवार अब , हाथ में ले लीजिये ।
'होरी' अभी भी है समय कुछ चेतिये,उठ बैठिये ,
डूबने से पूर्व ,जिन्दा कौ़म हैं , कुछ कीजिये ।।'' आपका साथी
राज कुमार सचान 'होरी'
राष्ट्रीय संयोजक
दिनांक --25 मई 2013 INDIA CHANGES (बदलता भारत )
Facebook.com/pages/ India changes , Facebook.com/ group/ India changes , www.indiachanges.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , horibadaltabharat.blogspot.com
Emails ---indiachanges2012@gmail.com , indiachanges2013@gmail.com
Delhi office --- 182/3 गुरु कृपा एपार्टममेंट , ग्राउंड फ्लोर , महरौली ,नई दिल्ली -30 ,, ग़ाज़ियाबाद कार्यालय --63 NITI KHAND 3rd ,Indirapuram Gzb


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Thursday, 23 May 2013

4 /कृषि को उद्योग का दर्जा

4 /कृषि को उद्योग का दर्जा
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कृषि के समस्त कार्य एक उद्योग की तरह हैं । लगातार पूंजी निवेश , स्रम , उत्पादन आदि समस्त क्रियायें उद्योगों की भाँति होती हैं । समर्थन मूल्य भी मज़बूरी मे ही सही सरकारों द्वारा जारी किये जाते हैं । कृषक और कृषि असंगठित क्षेत्र हैं इस लिये उद्योंगों की तरह अपने मूल्य का निर्धारण नहीं कर पाता है । लागतें बढ़ती जाती हैं जिससे शुद्ध आय कम हो जाती है । कीमतों का निर्धारण आय और व्यय के आधार पर किया जाता है परन्तु कृषि में ऐसा नहीं हो रहा है । यहाँ किसान फ़सलें बो तो सकता है पर उनकी कीमत उद्योंगो की तरह स्वयं निर्धारित नहीं कर सकता ।
कृषि के अंतर्गत लागत अधिक और आय कम होने के कारण किसानों का जीवनयापन तक कठिन है । देश भर में किसानों के द्वारा आत्महत्या की घटनायें भी प्रकाश में आती रहती हैं । कृषि को लाभकारी बनाना किसानों के लिये तो ज़रूरी है ही समस्त देश के विकास और अनाज उपलब्धता के लिये भी आवश्यक ही नहीं अपितु अनिवार्य भी है ।
एक उद्योग की तरह बैंकों से लोन भी स्वीकृत नहीं हो सकता ।कृषि को स्वयं बैंक घाटे का क्षेत्र मानता है। परन्तु दोनों स्थितियों से किसान को मुक्ति मिल सकती है यदि कृषि को उद्योग का दर्जा दे दिया जाय ।
इंडिया चेंजेज़ (INDIA CHANGES )



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कैंडिल मार्च

कैंडिल मार्च
दिनांक 8 जून 2013 समय 6 सायं से आरम्भ ।
स्थान ------महर्षि बाल्मीकि मंदिर निकट मदर डेरी चौक सेक्टर --5 राजेंद्र नगर से सरदार पटेल पार्क मोहन नगर चौराहा
माँग --- "जनसंख्या नियंत्रण क़ानून " को संसद द्वारा बनाया जाय ।
दिनांक 8 जून शनिवार को सायं 6 बजे से जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के बनाये जाने की माँग के समर्थन में एक कैंडिल मार्च महर्षि बाल्मीकि मंदिर , राजेन्द्र नगर से " बदलता भारत " (INDIA CHANGES ) संगठन द्वारा निकाला जायेगा । यह कैंडिल मार्च विभिन्न स्थानों से होता हुआ 8 बजे सायं पटेल पार्क , मोहन नगर चौराहा पहुँचेगा जहाँ पर इसका समापन होगा ।
आज देश जनसंख्या विस्फोट के मुहाने पर खड़ा है ।जहाँ सौ वर्ष पहले 1901 में भारत की जनसंख्या ( पाकिस्तान और बांग्लादेश को सम्मिलित करते हुये ) 23 करोड़ 80 लाख मात्र थी वहीं 2011 की जनगणना के अनुसार केवल अपने देश की जनसंख्या 125 करोड़ से अधिक है । यह वृद्धि तब है जब परिवार नियोजन और परिवार कल्याण के कार्यक्रम जोर शोर से राज्य और केन्द्र की सरकारों द्वारा चलाये जाते रहे हैं । आज जनसंख्या में हम विश्व में दूसरे स्थान पर हैं और मात्र 8 वर्षों बाद 2021 में हमारा देश पहले स्थान पर पहुँच जायेगा ।
80 करोड़ ग़रीबों का यह देश विश्व में ग़रीबी में सर्वोच्च पाँच स्थानों पर है । कितना शर्मनाक है यह ? यह अन्योन्याश्रित सत्य है कि ग़रीबी से जनसंख्या बढ़ती है और जनसंख्या से ग़रीबी बढ़ती है । यह एक कटु और ऐतिहासिक तथा अर्थशास्त्रीय सत्य है कि जनसंख्या वृद्धि ग़रीबी और ग़रीबों को बढ़ाती है ।किसी भी परिवार और राष्ट्र के आर्थिक संसाधन तो अंकगणितीय अनुपात में बढ़ते हैं जबकि जनसंख्या बीजगणितीय अनुपात में । आज स्थिति यह है कि देश में बहुमुखी विकास के बावजूद ग़रीबी भयानक रूप से बढ़ी है ।
जनसंख्या में बढो़तरी अमीरों के लिये उतनी कष्टकारी नहीं जितनी ग़रीबों के लिये । बच्चे अधिक होने से कुपोषण , अशिक्षा , बीमारी , ग़रीबी , अपराध एक साथ बढ़ते हैं । यह एक भ्रांति है और मिथ्या तथ्य है कि अधिक बच्चे ग़रीब के लिये अधिक काम करने वाले पैदा करते हैं इसलिये उसकी आर्थिक स्थिति सुधरती है । दो हाथों के साथ एक पेट भी तो आता है और उन हाथों के पास कोई संसाधन भी नहीं होते हैं और मात्र मज़दूरी पर आश्रित हो जाने से ग़रीबी साथ नहीं छोड़ती ।अभाव में जीवन और ग़रीब , और अभिशप्त हो जाता है ।
बदलता भारत ने इस समस्या का सांगोपांग अध्ययन किया है और पाया है कि देश के ग़रीबों के हित में जनसंख्या नियंत्रण विशेष रूप से आवश्यक है ।ग़रीबी मिटाने के लिये जनसंख्या नियंत्रित होनी आवश्यक है और इसका नियंत्रण अब बिना क़ानून के नहीं हो सकता । बिना जोर जबरदस्ती और बल प्रयोग के समानरूप से सभी के लिये परिवार नियोजन का एक ही उपाय है इसकेलिये सर्वोच्च संस्था संसद द्वारा एक ऐसा विधान बनाया जाय जो बिना किसी विभेद के समस्त भारतीय नागरिकों पर लागू हो । क़ानून की धारायें सख्त हों और उनके उल्लंघन पर कड़े प्रावधान हों । चीन से इस संबंध में बहुत कुछ सीखा जा सकता है ।
जनसंख्या बढ़ने से अशिक्षा , ग़रीबी बढ़ने से अपराधों में वृद्धि होती है । माँग और आपूर्ति में भारी अन्तर से आर्थिक भ्रष्टाचार बढ़ता है । शहरों में चारों ओर जाम और रेलों और बसों में लम्बी लम्बी वेटिंग क्या है ? एक दिन ये सारे शहर मात्र पैदल चलने लायक ही बचेंगे । दिल्ली और अन्य नगरों में नारियों के प्रति अपराध और बलात्कार क्या हैं ? ग़रीबों ,अशिक्षितों की फौजें तैयार हो गयी है़ जो न तो क़ानून जानती हैं और उनके पास संस्कार सीखने का न तो अवसर है न सुविधायें । जनसंख्या नियंत्रण से इन क्षेत्रोंमे भी सुधार होगा निश्चित ही ।
सम्पूर्ण देश में समस्त समान विचारधारा के संगठनों के साथ मिल कर जगह जगह सभाओं , रैलियों के द्वारा जागरूकता पैदा करने का कार्य बदलता भारत करेगा और आवश्यकता पड़ने पर बड़ा आन्दोलन भी खड़ा करेगा जब तक समस्त समस्याओं की जड़ जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिये कोई सशक्त क़ानून न बन जाय । देश के समस्त तालों की चाभी " जनसंख्या नियंत्रण क़ानून " है । आइये इसके लिये , राष्ट्र के लिये और ग़रीबों के लिये वातावरण बनायें ।
8जून के कैंडिल मार्च का नेतृत्व प्रसिद्ध कवि, लेखक, साहित्यकार, प्रखर वक्ता और राष्ट्रीय संयोजक बदलता भारत श्री राज कुमार सचान 'होरी' करेंगे । इसका संयोजन बदलता भारत की ग़ाज़ियाबाद इकाई द्वारा किया जा रहा है ।श्री विकास चौधरी मंडलीय संयोजक और ग़ाज़ियाबाद प्रवक्ता श्री सूर्यप्रकाश शर्मा की देखरेख में आयोजन किया जा रहा है । राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शीतला शंकर विजय मिश्र , प्रसिद्ध कवि पं सुरेश नीरव राष्ट्रीय प्रवक्ता , मीडिया प्रभारी श्री कुलदीप सिंह राजपूत , श्री कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी , श्री जी एस त्यागी , श्री रोहित राज सचान एडवोकेट तथा अन्य अनेक महत्वपूर्ण व्यक्तियों द्वारा भाग लिया जायेगा ।

आप समस्त से अनुरोध है कि इस मार्च में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनायें ।
नोट ---इसी प्रकार 8 जून को अन्य नगरों( उ प्र) ,हरियाणा में कैंडिल मार्च के आयोजन ।
बदलता भारत (INDIA CHANGES )
Eid -indiachanges2012@gmail.com , indiachanges2013@gmail.com
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